Monday, October 10, 2011

patang...

" मैं हूँ एक पतंग 
         रखना प्यार से,
उर्र जाउंगी मैं 
         नीले गगन मैं,
जो तुम ने खीचा 
         डोर को जोर से,
चाह कर भी न 
         वापस आ पाऊँगी,
तुम्हारे इस ज़मीन पे
        दूर गगन से "

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